7डी टेक्‍नोलॉजी से तैयार हुआ मॉडल और 4 साल पहले मर चुकी बेटी से मिल सकी मां

एक मां को इसी 7D तकनीक के सहारे उसकी 4 साल पहले मर चुकी बेटी से मिलवाया गया. इस लड़की की मौत 2016 में हो गयी थी लेकिन इन तकनीक की मदद से हुबहू बेटी का मॉडल तैयार किया गया और मां से उसकी मुलाक़ात करवाई गई.

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7डी टेक्‍नोलॉजी से तैयार हुआ मॉडल और 4 साल पहले मर चुकी बेटी से मिल सकी मां
इस कोरियन मां का नाम जांग जी सुंग है और बेटी का नाम नेइयॉन बताया गया है. फोटो साभार/MBC

एक मां को इसी 7D तकनीक के सहारे उसकी 4 साल पहले मर चुकी बेटी से मिलवाया गया. इस लड़की की मौत 2016 में हो गयी थी लेकिन इन तकनीक की मदद से हुबहू बेटी का मॉडल तैयार किया गया और मां से उसकी मुलाक़ात करवाई गई.


    सियोल. विज्ञान ने इंसान की जिंदगी को काफी बदल दिया है, नई 7D तकनीक से तो इतना भी संभव हो गया है कि किसी भी मरे हुए इंसान के किरदार को दोबारा जीवित किया जा सके. ऐसे ही एक मामले में एक मां को इसी तकनीक के सहारे उसकी 4 साल पहले मर चुकी बेटी से मिलवाया गया. इस लड़की की मौत 2016 में हो गयी थी लेकिन इन तकनीक की मदद से हुबहू बेटी का मॉडल तैयार किया गया और मां से उसकी मुलाक़ात करवाई गई.

    mirror.co.uk में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक विज्ञान का ये कारनामा साउथ कोरिया में संभव हो सका है. यहां के एक टीवी शो 'मीटिंग यू' में एक मां को उनकी मृत बेटी से मिलवाया गया. दरअसल, यह सब 7डी टेक्‍नोलॉजी की वजह से मुमकिन हो पाया. यहां तक कि इस शो के दौरान मां और उनकी बेटी (तकनीक से बनाए गए मॉडल) ने एक-दूसरे को छुआ भी. दोनों ने देर तक एक-दूसरे से खूब बातें कीं और एक-दूसरे को बहुत प्‍यार किया.

    इसमें मृत बेटी ने जाते समय अपनी मां से यह वादा भी किया कि वह उनसे फिर मिलने आएगी. उसने अपनी मां को यह भी बताया कि अब उसे वह दर्द भी नहीं है जिसकी वजह से उसकी मौत हुई थी. दोनों मां-बेटी की मुलाकात वर्चुअल रियलिटी (Virtual Reality) के जरिये हुई. दरअसल, यह 7डी टेक्‍नोलॉजी के जरिये संभव हुआ. इसी के जरिये मां ने अपनी बेटी से बात भी की और उसे अपने सामने बैठा महसूस किया. इस कोरियन मां का नाम जांग जी सुंग है और बेटी का नाम नेइयॉन बताया गया.

    इस शो पर मां ने बताया कि वह अपनी बेटी को बहुत याद करती है. इस पर बेटी नेइयॉन ने भी जवाब में कहा कि वह भी अपनी मां को याद करती है. उस समय मां-बेटी की मुलाकात में भावुकता आ गई जब इस मुलाकात के दौरान बेटी की आंखों से आंसू बहने लगे. वहीं दर्शक दीर्घा में बैठे नेइयॉन के पिता और भाई, बहन भी मां-बेटी के इस मिलन को देख रहे थे.

    यह 7डी टेक्‍नोलॉजी के जरिये संभव हुआ. इसी के जरिये मां ने अपनी बेटी को अपने सामने बैठा महसूस किया. फोटो साभार/MBC
    यह 7डी टेक्‍नोलॉजी के जरिये संभव हुआ. इसी के जरिये मां ने अपनी बेटी को अपने सामने बैठा महसूस किया. फोटो साभार/ MBC


    वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्‍स के प्रोफेसर ब्‍ले व्हिटबी ने कहा कि इस बारे में जानकारी नहीं है कि दोनों की इस मुलाकात का मां पर क्‍या मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा है या आगे पड़ेगा. इसमें यह भी हो सकता है कि वह अपनी बेटी को और ज्‍यादा याद करने लगें या फिर इस मुलाकात के बाद उनके अंदर की भावुकता उन्‍हें सुकून दे और वह खुशी महसूस करें. वैज्ञानिक भले ही इसे विज्ञान की ओर से हुए किसी चमत्‍कार की तरह देख रहे हों, मगर इस पर दुनिया में चर्चा शुरू हो गई है कि नैतिकता के आधार पर इसे किस तरह देखा जाए और किसी मृत व्‍यक्ति को उसके परिजनों से एक तकनीक के जरिये मिलवाना कैसा है. क्‍योंकि अभी तक यह सामने नहीं आया है कि उस महिला को वर्चुअल टेक्‍नोलॉजी के जरिये मिलवाने के बाद क्‍या परिणाम सामने आया है और मानसिक तौर पर उस पर क्‍या प्रभाव पड़ा है.

    दरअसल, इस तकनीक में खास बात यह है कि इसमें आप किसी गढ़े गई इंसान को भी वास्‍तविकता जैसा महसूस करते हैं. वर्चुअल रियलिटी के जरिये जांग जी सुंग की बेटी का शरीर दोबारा गढ़ा गया. फिर उसमें आवाज डाली गई और उसे हूबहू वैसा बनाया गया जैसी कि वह वास्‍तविकता में थी.








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